अगर आप शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के इच्छुक हैं, तो 2025 की शुरुआत आपके लिए शानदार अवसर लेकर आ रही है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने रूरल अपॉर्चुनिटीज फंड नामक एक नई ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम की घोषणा की है। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के विकास और उससे जुड़े व्यवसायों में निवेश के जरिए मोटा रिटर्न जुटाना है।
यह एनएफओ (नया फंड ऑफर) 9 जनवरी 2025 से खुलेगा और 25 जनवरी तक निवेश के लिए उपलब्ध रहेगा। यह योजना उन निवेशकों के लिए खास है जो ग्रामीण और कृषि आधारित कंपनियों में निवेश कर लंबी अवधि के लिए स्थिर और अच्छा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं। इस फंड का मुख्य आकर्षण यह है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में विकासशील कंपनियों, कृषि, एफएमसीजी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, और संबद्ध उद्योगों में निवेश करेगा।
इससे न केवल ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि निवेशकों को भी इन क्षेत्रों की प्रगति से लाभ होगा। यह योजना उन लोगों के लिए आदर्श है जो अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं और ग्रामीण भारत की आर्थिक उन्नति का हिस्सा बनना चाहते हैं।
क्या ग्रामीण भारत में अपार संभावनाएं हैं जानिए
ग्रामीण भारत में विकास की संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के कार्यकारी निदेशक और सीआईओ संकरन नरेन के अनुसार, अगले दशक में ग्रामीण भारत देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकता है। सरकारी नीतियों और विभिन्न राज्यों द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यक्रमों के चलते यह क्षेत्र अब निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन चुका है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की नई स्कीम का उद्देश्य ग्रामीण भारत के विकास की कहानी का हिस्सा बनते हुए निवेशकों को लाभ पहुंचाना है। यह स्कीम कृषि, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और स्थानीय व्यवसायों में निवेश करेगी, जिससे आर्थिक प्रगति के साथ स्थायी रिटर्न की संभावना बढ़ेगी।
क्या है ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जड़ जानिए
भारत की विकास यात्रा का मूल ग्रामीण भारत में छिपा हुआ है। देश को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में ग्रामीण क्षेत्र अहम भूमिका निभाता है। सरकार ने यहां बुनियादी सुविधाओं और जीवनस्तर में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे व्यापक विकास की नींव मजबूत हुई है।
एक दशक तक रुके हुए ग्रामीण मांग में अब पुनः वृद्धि हो रही है, जो भविष्य में इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का संकेत देती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के इस पुनरुत्थान से न केवल कृषि और बुनियादी ढांचे के विकास में मदद मिल रही है, बल्कि यह समग्र आर्थिक प्रगति में भी योगदान दे रहा है।