अगर आप भी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स में निवेश करते हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए इन योजनाओं की ब्याज दरों को बरकरार रखने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि जो ब्याज दरें दिसंबर तिमाही में थीं, वही आगामी मार्च तिमाही में भी लागू रहेंगी। इस फैसले से निवेशकों को स्थिरता का अहसास होगा, क्योंकि उन्हें अगले कुछ महीनों तक अपनी योजनाओं से मिलने वाले ब्याज पर कोई बदलाव नहीं मिलेगा।
सरकार ने क्या कहा जानिए
वित्त मंत्रालय की ताजा अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के लिए स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला लिया है। इसका मतलब यह है कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान भी वही ब्याज दरें लागू रहेंगी, जो पिछली तिमाही (अक्टूबर- दिसंबर) में थीं। यह फैसला उन निवेशकों के लिए राहत की बात है, जो लघु बचत योजनाओं में निवेश करते हैं। सरकार हर तिमाही में डाकघर और बैंकों द्वारा संचालित इन योजनाओं पर ब्याज दरों को घोषित करती है।
इस योजना की कितनी ब्याज दर हो सकती है जानिए
सुकन्या समृद्धि योजना- 8.2% ब्याज दर। तीन साल का टर्म डिपॉजिट- 7.1% ब्याज दर। पीपीएफ (Public Provident Fund)- 7.1% ब्याज दर। पोस्ट ऑफिस सेविंग्स डिपॉजिट स्कीम-4% ब्याज दर। किसान विकास पत्र- 7.5% ब्याज दर (115 महीने की मैच्योरिटी)।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)-7.7% ब्याज दर। मंथली इनकम स्कीम- 7.4% ब्याज दर। सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम: 8.2% ब्याज दर। इन ब्याज दरों के साथ आप अपने निवेश को सुरक्षित तरीके से बढ़ा सकते हैं।
ब्याज दरें कैसे तय होती हैं जानिए
स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स की ब्याज दरें श्यामला गोपीनाथ समिति द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार तय की जाती हैं। इस समिति ने 2014 में अपनी रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें कहा गया था कि इन योजनाओं की ब्याज दरें समान अवधि वाले सरकारी बॉन्ड्स से 0.25% से 1% अधिक होनी चाहिए। इसका उद्देश्य यह है कि छोटी बचत योजनाएं निवेशकों के लिए आकर्षक बनी रहें और उन्हें अच्छे रिटर्न का अवसर मिले।
यह पद्धति सरकारी बॉन्ड्स की ब्याज दरों के आधार पर इन योजनाओं की दरों को निर्धारित करती है, ताकि निवेशकों को सुरक्षित और बेहतर लाभ मिल सके।