RBI FD Rules एफडी कराने वालों की बल्ले-बल्लेआज से बदल जाएंगे ये नियम, जानें नई गाइडलाइन…

1 जनवरी 2025 से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लागू किए जा रहे नए नियमों का असर आम आदमी पर पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करते हैं या फिर HFC और NBFC से जुड़े सेवाओं का उपयोग करते हैं।

रिजर्व बैंक ने इन वित्तीय संस्थाओं के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो पब्लिक डिपॉजिट से जुड़े अहम बदलावों को स्पष्ट करते हैं। इन नियमों के तहत अब पब्लिक डिपॉजिट का अप्रूवल और रिपेमेंट, नॉमिनेशन, इमरजेंसी एक्सपेंसेस, और डिपॉजिट के बारे में सभी जानकारी डिपॉजिट होल्डर को समय पर नोटिफाई की जाएगी। यह बदलाव निवेशकों को अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता प्रदान करने के उद्देश्य से किए गए हैं। साथ ही, ये बदलाव इस बात का ध्यान रखते हैं कि निवेशक किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में आसानी से अपने फंड का उपयोग कर सकें। 

जानिए कौन-कौन से नियम बदलने होंगे 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 जनवरी 2025 से कई नए नियमों को लागू करने का फैसला किया है, जो आम आदमी की जिंदगी को प्रभावित करेंगे, खासकर उन निवेशकों को जो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसा लगाते हैं। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, जमाकर्ता अब छोटी जमाराशियों (10,000 रुपये तक) को बिना ब्याज के तीन महीने के भीतर पूरी तरह से निकाल सकते हैं। वहीं, बड़ी जमाराशियों में जमाकर्ता अपनी मूल राशि का 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) तक की आंशिक निकासी बिना ब्याज के कर सकते हैं।

गंभीर बीमारी जैसी स्थितियों में, जमाकर्ताओं को जमा की अवधि की परवाह किए बिना पूरी राशि निकालने की अनुमति दी जाएगी, हालांकि इस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा, अब गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को भी यह निर्देश दिया गया है कि वे मैच्योरिटी पीरियड से कम से कम दो सप्ताह पहले डिपॉजिटर्स को मैच्योरिटी डिटेल्स की जानकारी दें। 

जानिए नॉमिनेशन अपडेट के बारे में

भारतीय रिजर्व बैंक के नए दिशा-निर्देशों के तहत, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को नामांकन प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने की सलाह दी गई है। अब NBFC को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सभी ग्राहकों को नामांकन फॉर्म भरने की पावती प्रदान करें, चाहे वह अनुरोध किया गया हो या नहीं।

इसके साथ ही, यदि नामांकन को रद्द करना हो या उसमें कोई बदलाव करना हो, तो इसके लिए भी एक सही और पारदर्शी प्रणाली का पालन करना आवश्यक होगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को अधिक सुरक्षा और सुविधा देना है, ताकि वे अपने निवेश से जुड़ी सभी जानकारी को सही समय पर और सही तरीके से प्राप्त कर सकें। 

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