Income Tax: कमाई के साथ होगी बड़ी बचत! कोई नहीं काट पाएगा आपका Income Tax, जानें डिटेल्स

हर साल इनकम टैक्स बचाने के लिए सही निवेश करना बेहद जरूरी हो जाता है, खासकर नौकरीपेशा और करदाता व्यक्तियों के लिए। अगर आप चाहते हैं कि आपकी आय सुरक्षित रहे और साथ ही टैक्स बचत भी हो, तो समझदारी से निवेश करें। ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपये से अधिक की आय पर टैक्स लगता है, लेकिन कुछ निवेश विकल्प आपको इस सीमा से राहत दिला सकते हैं। जैसे, सेक्शन 80C के तहत पीपीएफ, एनएससी, और टैक्स सेविंग एफडी में निवेश करने पर टैक्स में छूट मिलती है। इसके अलावा, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी टैक्स बचाया जा सकता है।

कौन-कौन सी टैक्स नहीं लगता है जानिए 

कुछ इनकम स्रोत ऐसे होते हैं, जिन पर कोई टैक्स नहीं लगता और ये आपकी वित्तीय योजना में मददगार साबित हो सकते हैं। सबसे पहले, कृषि से होने वाली आय पूरी तरह टैक्स मुक्त होती है, चाहे वह खेती हो या उससे जुड़े अन्य कार्य।

यदि आप किसी फर्म के पार्टनर हैं, तो वहां से मिलने वाली प्रॉफिट शेयरिंग पर भी कोई टैक्स नहीं लगता, क्योंकि फर्म पहले ही उस प्रॉफिट पर टैक्स चुका चुकी होती है। इसके अलावा, टैक्स-फ्री बांड्स से मिलने वाली ब्याज आय और एलआईसी पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि भी टैक्स के दायरे से बाहर होती है। 

वॉलंटरी रिटायरमेंट पर टैक्स छूट का फायदा 

अगर कोई सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा अवधि पूरी होने से पहले वॉलंटरी रिटायरमेंट (VRS) लेता है, तो उसे 5 लाख रुपये तक की राशि पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। यह सुविधा केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है, जिससे वे वित्तीय राहत प्राप्त कर सकते हैं। वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने के पीछे आमतौर पर व्यक्तिगत कारण होते हैं, जैसे स्वास्थ्य, परिवार या दूसरी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना।

इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखना है। हालांकि, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि दी गई राशि और अन्य लाभ सही तरीके से उपयोग किए जाएं। टैक्स प्लानिंग करते समय इस छूट को ध्यान में रखना फायदेमंद हो सकता है।

HUF से प्राप्त राशि पर टैक्स छूट कैसे मिलती है

आयकर कानून के तहत, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) से प्राप्त राशि पर टैक्स नहीं लगता। सेक्शन 10(2) के अनुसार, HUF से मिलने वाला धन, चाहे वह विरासत में मिला हो या परिवार के सदस्यों के बीच बंटा हो, पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। यह लाभ खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो संयुक्त परिवार व्यवस्था में रहते हैं और पारिवारिक संपत्ति से धन प्राप्त करते हैं। यह छूट परिवारिक संपत्ति या प्रॉपर्टी के माध्यम से आने वाले फंड पर भी लागू होती है। 

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