अपने सपनों के घर की खरीदी के लिए होम लोन एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन जब आप EMI नहीं चुका पाते हैं, तो यह समस्या बन सकती है। बैंक आमतौर पर तीन महीने की EMI की चुकाई न होने पर ग्राहक को चेतावनी देता है। अगर ग्राहक इस चेतावनी का भी पालन नहीं करता है, तो बैंक कब्जा की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। बैंक ग्राहक की संपत्ति को नीलामी के लिए बेच सकता है, जिससे ग्राहक को नुकसान हो सकता है।
इसलिए, यदि आप किसी कारणवश अपनी होम लोन EMI की चुकाई नहीं कर पा रहे हैं, तो सबसे पहले बैंक से संपर्क करें और अपनी स्थिति की चर्चा करें। बैंक के साथ समझौता करने की कोशिश करें और अपनी समस्या को समाधान करने के लिए संभवतः उपाय ढूंढें। ध्यान दें कि बैंक से समझौता करने से पहले सभी नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें और समझें।
होम लोन EMI नहीं चुकाने पर बैंक की कार्रवाई RBI की दिशानिर्देश
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की दिशानिर्देशों के अनुसार, होम लोन EMI की चुकाई में देरी होने पर बैंक को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ग्राहक जो पहली किस्त नहीं चुकाता है, उसे बैंक या वित्तीय संस्था गंभीरता से नहीं लेती है। बैंक पहले एक रिमाइंडर भेजता है और फिर एक कानूनी नोटिस भेजता है।
यदि ग्राहक तीसरी EMI की किस्त भुगतान करने में असफल रहता है, तो बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित कर देता है और उसका लोन अकाउंट NPA (गैर-संपन्न खाता) मान लेता है। यह सभी प्रक्रिया रिजर्व बैंक की निर्देशों के अनुसार होती है। अन्य वित्तीय संस्थाओं के मामले में, यह सीमा 120 दिन की होती है। इस समय सीमा के बाद, बैंक वसूली प्रक्रिया के बारे में सोचने लगता है।
RBI के निर्देश होम लोन EMI नहीं चुकाने पर बैंक की कार्रवाई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की गाइडलाइन्स के अनुसार, होम लोन EMI की चुकाई में देरी होने पर बैंक को ग्राहक को उसके पैसे वापस लेने के लिए कई अवसर देने का निर्देश दिया गया है। बैंक के पास यह एक आखिरी विकल्प होता है, जिसमें उसे ग्राहक की प्रॉपर्टी को बेचने की अनुमति मिलती है, ताकि वह लोन की भरपाई कर सके।
RBI के निर्देशों के अनुसार, ग्राहक को समय दिया जाता है कि वह अपनी लोन EMI की चुकाई के लिए संपर्क करें और समस्या को सुलझा सकें। बैंक सामान्यत: तीन महीने की ईएमआई की चुकाई न होने पर ग्राहक को दो महीने का और समय देता है, और फिर भी यदि ग्राहक किश्त नहीं चुकाता है, तो बैंक ग्राहक की संपत्ति को नीलामी के लिए बेच सकता है।
हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान ग्राहक को समय दिया जाता है कि वह बैंक से संपर्क करके अपनी समस्या को सुलझा सके। यदि ग्राहक ने निर्धारित समय सीमा के भीतर लोन EMI की चुकाई कर दी, तो उसका सिबिल/क्रेडिट स्कोर प्रभावित नहीं होगा।
EMI नहीं चुका पाने की स्थिति में क्या करें?
अगर आपको EMI नहीं चुकाने में कोई मुश्किल हो रही है, तो चिंता न करें, कुछ उपाय हैं जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं। पहला उपाय है बैंक से संपर्क करना। अपनी स्थिति को समझाएं और उन्हें अपनी मुश्किल की जानकारी दें। बैंक आपको विभिन्न वित्तीय प्राथमिकताओं के आधार पर होम लोन को पुनः संरचित करने के विकल्प प्रदान कर सकता है। इससे आपको कुछ महीनों तक EMI टालने या ईएमआई की राशि कम करने की सुविधा मिल सकती है।
दूसरा उपाय है कि आप अपने निवेशों से पैसे निकालकर EMI का भुगतान करें। यदि आपके पास कोई फिक्स्ड डिपॉजिट है, तो उसे तोड़कर EMI के लिए उपयोग करें। किसी अन्य निवेश से पैसे निकालने का भी विकल्प है।
रिकवरी एजेंट की धमकी का सामना कर रहे हैं? यह है आपका उपाय
अगर आपको लोन की EMI नहीं चुकाने के कारण रिकवरी एजेंट की धमकी का सामना करना पड़ रहा है, तो आपके पास कुछ विकल्प हैं।सबसे पहले, अपने अधिकारों को जानें और धमकी देने वाले एजेंट को स्पष्ट करें कि आप उनकी धमकियों को नहीं मानते हैं।
आपको अपने हक की रक्षा करने का हक है। अगर रिकवरी एजेंट ने आपको अत्याचारित किया है या आपको किसी भी तरह की धमकी दी है, तो आप सीधे पुलिस के पास जा सकते हैं और उन पर शिकायत कर सकते हैं। यह एक कानूनी कदम है और आपको सुरक्षित रखेगा। आप अपनी समस्या को RBI को भी रिपोर्ट कर सकते हैं। RBI उपभोक्ता सुरक्षा के क्षेत्र में कई संगठनों के साथ काम करता है और धमकी देने वाले एजेंट्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।